SPACE (God Vyom) is IMMUNIYभगवान स्वरुपाकाश ही हर शरिर की रोग प्रतिरोधकता भी है
"IMMUNIY"=Lung expansionCapacity ="Space" inside Lung
ॐगृहित्वानासिकाया ब्रह्म रंध्रं स्पर्श कुरूत्वात् तत्परे अधरेनीत्वामेरुदंड मार्गे तत्परे इंगलापिगला उद्गमस्थांपर्यतं आनयेत् श्वासं तत्परे मूलबंधम्चालयेत तत्परे तत्श्वासं निस्कारयेत।इति सर्वरोगाणिक्षयंकुर्यात्।
Test your Lung
आकाशात्उद्भूतं सर्वं चराचरं आकाशे स्थितं।आकाश:स्थित: सर्वचराचरे भीतरे तत: सर्व चराचरस्य जीवनं।।नास्ति किमपि संशयं @ किम्संशयं?????
#BHARAT is at war against the terror on Humanity &CHINESE Virus Wuhan Corona Covid_19".................#
Namaste Korona
आकाशात्उद्भूतं सर्वं चराचरं आकाशे स्थितं।
आकाश:स्थितं सर्वचराचरे (तत:)तस्मात् सर्वस्य जीवनं।।
नास्ति किमपि संशयं @ किम्संशयं?????
फेफडे में खोखलापन लचीलापन आकाश तत्त्व की अधिकता से आती है।आकाश तत्त्व कड़वे रस मे पाया जाता है।आकाश तत्त्व ( नीम गिलोय,अश्वगंधा,पपीते का पत्ता,सरसों,लौंग,वेलपत्र इत्यादि खाली पेट सुबह में ग्रहण करें दिनभर सर्वसमर्थ रहें।शाम को ५-७ बजे के बीच शौच जाकर खाली पेट होकर फिर आकाश तत्त्व ग्रहण करें ।आकाश तत्त्व ग्रहण करने के आधे घंटे बाद भोजन करें।
खाली खाली खाली खुशहाली(फेफड़ा व बड़ी आंत अनुपूरक हैं)१.फेफड़े का फूलाव पसलियों का लचीलापन व मजबूती पर निर्भर है।फेफड़ा जितना आसानी से फैलेगा,उतना वायु ग्रहण करेगा।उतना रक्त को आक्सीजन मिलेगा।ऊतनीनयी स्वस्थ कोशिकाओं का निर्माण होगा। रक्ताल्पता कारण / निवारण२.वायु से शरिर में बल भी बनता है।जैसेवजन उठाने से पहले शरिर गहरा सांस लेता है।३ अत:हमारी फेफड़ा फैलाकर वायु भरने( खींचने) की क्षमता हमारा बल भी है ।इम्यूनिटी भी है ।रोग प्रतिरोधकता वह रोगों से लड़ने की शक्ति भी है।४.कोरोना या कोई भी भाई रस या विषैली गैस फेफड़े की फूलने की क्षमता को घटातें हैं।अत: सुबह की वायु में प्राणायाम व आसन फायदेमंद हैं।५.ठूंसठूंस कर भोजन करते रहने से पेरिकार्डियम झिल्ली हृदय को उपर धकेलती है।जिससे फेफड़े की कार्यक्षमता (सांस लेने की क्षमता) घटती चली जाती है।इम्यूनिटी कमजोर होती चली जाती है।और शरिर बिमारी ग्रस्त व लाचार रहने लगता है।
The cosmic energy is beyond our control.So is sabda,sparsha,sights,air,water,& food to some extent.What is under our control is a liberty to choose to adopt for our living between "availables"the time,materials,people in a surroundings i.e.(space).Had there been no space we can neither move nor control & choose things ,surroundings or friends.Thus there exists no liberty without a space .This liberty i.e a space is ceated for us by the God for our life is to be .This liberty I call God .I worship this space as God .I worship the libery as the space as God "Vyom".I donot pressurise anyone to accept my philosophy.Every one is free to choose his/her philosophy to incarnate God .But he/ she can theorise (about a God for him / her )only when he is alive & dynamic,but without Space(Vyom) God he / she will never be alive nor exist nor be dynamic even in his/ her thought to do so.Even our thoughts need space for origination,existence ,survival or travel from self to God......५All actions or deeds to attain flow of OORZa /Ozas( ruzveeryya)up ^ increases immunity & all actions which makes energy flowdown ,decreases immunity.@ any doubts.
immunity kwath Propermove with courage wins. ईमलीचटनी
Grow Immunity fight Corona with..
💠 बड़ी सुन्दर सत्य कथा है ठाकुर जी महाराज की अवश्य पढ़े 💠
एक बार वृन्दावन में एक संत हुए कदम्खंडी जी महाराज । उनकी बड़ी बड़ी जटाएं थी। वो वृन्दावन के सघन वन में जाके भजन करते थे।एक दिन जा रहे थे तो रास्ते में उनकी बड़ी बड़ी जटाए झाडियो में उलझ गई। उन्होंने खूब प्रयत्न किया किन्तु सफल नहीं हो पाए।
और थक के वही बैठ गए और बैठे बैठे गुनगुनाने लगे।
"हे मुरलीधर छलिया मोहन
हम भी तुमको दिल दे बैठे,
गम पहले से ही कम तो ना थे,
एक और मुसीबत ले बैठे "
बहोत से ब्रजवासी जन आये और बोले बाबा हम सुलझा देवे तेरी जटाए तो बाबा ने सबको डांट के भगा दिया और कहा की जिसने उलझाई वोही आएगा अब तो सुलझाने।
बहोत समय हो गया बाबा को बैठे बैठे......
"तुम आते नहीं मनमोहन क्यों
इतना हमको तडपाते हो क्यों ।
प्राण पखेरू लगे उड़ने,
तुम हाय अभी शर्माते हो क्यों।"
तभी सामने से 15-16 वर्ष का सुन्दर किशोर हाथ में लकुटी लिए आता हुआ दिखा। जिसकी मतवाली चाल देखकर करोडो काम लजा जाएँ। मुखमंडल करोडो सूर्यो के जितना चमक रहा था। और चेहरे पे प्रेमिओ के हिर्दय को चीर देने वाली मुस्कान थी।
आते ही बाबा से बोले बाबा हमहूँ सुलझा दें तेरी जटा।
बाबा बोले आप कोन हैं श्रीमान जी?
तो ठाकुर जी बोले हम है आपके कुञ्ज बिहारी।
तो बाबा बोले हम तो किसी कुञ्ज बिहारी को नहीं जानते।
तो भगवान् फिर आये थोड़ी देर में और बोले बाबा अब सुलझा दें।
तो बाबा बोले अब कोन है श्रीमान जी ।
तो ठाकुर बोले हम हैं निकुंज बिहारी।
तो बाबा बोले हम तो किसी निकुंज बिहारी को नहीं जानते।
तो ठाकुर जी बोले तो बाबा किसको जानते हो बताओ?
तो बाबा बोले हम तो निभृत निकुंज बिहारी को जानते हैं।
तो भगवान् ने तुरंत निभृत निकुंज बिहारी का स्वरुप बना लिया। ले बाबा अब सुलझा दूँ।
तब बाबा बोले च्यों रे लाला हमहूँ पागल बनावे लग्यो!
निभृत निकुंज बिहारी तो बिना श्री राधा जू के एक पल भी ना रह पावे और एक तू है अकेलो सोटा सो खड्यो है।
तभी पीछे से मधुर रसीली आवाज आई बाबा हम यही हैं। ये थी हमारी श्री जी।और श्री जी बोली अब सुलझा देवे बाबा आपकी जटा।तो बाबा मस्ती में आके बोले लाडली जू आपका दर्शन पा लिया अब ये जीवन ही सुलझ गया जटा की क्या बात है।
।। लाडली जी की जय हो ।।राधे कृष्ण कहो प्यारे 🙏
श्री कुंज बिहारी श्री हरिदास 🙏❤️🙏
ज्योति बिहारी जी 🙏 दास
हमारे मन में उठ रही कामनाओं को नकारात्मक ढंग से पूर्ण करना ही वासना है। जीव योनि में होने के कारण, हमारे भीतर इच्छाओं का प्रवाह निरंतर चलता रहता है। ईश्वरीय सत्ता ने हमें भले बुरे की पहचान करने के लिए बुद्धि प्रदान की हुई है। जिससे हम सात्विक इच्छा को पहचानकर उसे सकारात्मक ढंग से पूर्ण कर सकें,। कयोंकि हम बुद्धि का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है, इसलिये कुछ व्यक्ति इस का उपयोग मोहमाया और लोभ आदि वासना की पूर्ति के लिए करते हैं और यह बात सर्वविदित है कि तामसिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए हमें, अनैतिक ढंग का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपनी बुद्धि का उपयोग ईश्वरीय सत्ता के नियम अनुसार करते हैं अथवा एक चांडाल की भांति, ईश्वरीय सत्ता के विरूद्ध जाकर केवल अपनी कामनाओं की पूर्ति में लगे रहते हैं।
#जयश्रीराम
*मेरे प्यारे देशवासियों!*
*नमस्ते!*
*मैं प्रधान सेवक-*
*- नरेन्द्र मोदी-*
आप ने जब से मुझे यह दायित्व सौंपा छ: साल बीत चुके हैं।
मैं कुछ बातें आप से साझा करना चाहता हूं इस अवसर पर। यह गद्दी कांटों की थी जब मैं ने पी० एम० का शपथ लिया।
पुरानी सरकार अपने दश साल के कार्य काल में करप्शन और घोटालों का पहाड़ छोड़ गयी थी।लगभग सभी सरकारी संगठन भयंकर घाटे में थे।विदेशी *कर्जों का विशाल पहाड़ खड़ा* था।
*देश. कर्ज करोड़ में*
IRAN. 48000
UAE. 40000
Indian Fuel
Companies 133000
IAR. 22000
BSNL. 1500
सेना के पास बेसिक
हथियार और बुलेट प्रूफ
जैकेट नहीं थे।सेना के पास चार दिन के युद्ध के लिये भी
साजो सामान नहीं थे।इतना ही नहीं हमारा इनटेलिजेन्स भी एक बिग फेल्योर था।पता नहीं कब और कहां बम धमाका हो जाये।
जब मैं ने चार्ज लिया तो देश की हालत यही थी।
मेरा प्रथम दायित्व था सिस्टम को दुरुस्त करना।
भारतीयों के भाग्य से अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में तेल का दाम डाउन हो गया।
*इस घटे हुये दाम का फायदा आप को नहीं मिला क्योंकि* देश का खजाना खाली था और देश कर्जे में डूबा था।
फिर भी आप के प्यार और विश्वास से मुझे ताकत मिली।
मुझे आने वाली पीढ़ी के लिये ,उसके भविष्य के लिये यह पैसा चाहिये था।
क्योंकि पिछली सरकार के भयानक आर्थिक घोटालों ने हमारे सामने बहुत गहरी खाईं खोद रखी थी।
फ्यूल का रेट जब ₹120$/ barrel था तो वे ₹ 85/Lt हमे दे रहे थे।यह कैसे संभव था?
वे कर्ज लिये थे और जन रोष के कारण दाम नहीं बढ़ा रहे थे।
उन्होंने 2.5 लाख करोड़ का कर्ज ले रखा था।फलत: ₹ 25000 करोड़/वर्ष का व्याज देना पड़ता था।
हम भारी कर्जे में थे और हमें तेल पाने के लिये उधारी चुकानी थी। यही कारण था कि केन्द्र ने तेल पर टैक्स वसूला यद्यपि इसमें साझेदारी प्रान्तों की भी थी।
आज हम फख्र से कह सकते हैं कि ₹ *ढाई लाख करोड़ का कर्जा मय सूद के दिया जा चुका है।*
*रेलवे का कर्जा भी दिया जा चुका है।*
*पिछली सरकार के सारे अधूरे प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।*
*रेलों का विद्युतीकरण किया जा चुका है।*
*18500 गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है।*
5 *करोड़ फ्री गैस कनेक्शन गरीबों को दिये जा चुके हैं।*
*40000 Km सड़कें बनाई जा चुकी हैं।*
*1.5 लाख करोड़ रुपये मुद्रा लोन के रूप में नवयुवक उद्यमियों को दिये जा चुके हैं।*
*आयुष्मान भारत योजना 1.5 लाख करोड़ की दी जा चुकी है। यह 50 करोड़ लोगों के लिये है।*
*सभी आधुनिक हथियार और बुलेट प्रूफ जैकेट सैनिकों को दिये जा चुके हैं* ।
यह पैसा कहां से आया?
निसंदेह यह आप के त्याग के बदौलत है। आप को इन कार्यों का श्रेय जाता है।
अगर यह टैक्स तेल से नहीं मिलता तो आप सभी पर यह टैक्स पड़ता, पर यह वाहन स्वामियों पर डाला गया।
एक बात और....
*अगर आप का घर कर्जे मे डूबा है तो क्या आप पैसा मस्ती में उड़ायेंगे?*
या पहले कर्जा उतारेंगे?
अगर मौज मस्ती में उड़ायेंगे तो परिवार का भविष्य कैसा होगा?
*विपक्ष के नौटंकी और कपट चाल में मत फंसिये।*
आप राष्ट्र वादी नागरिक के तरह देश के निर्माण में हमारा साथ दीजिये।
ये एजेन्डा धारी लोग झूठा प्रोपेगंडा फैलाकर आप को बहकाकर केवल कुर्सी के फिराक में हैं।
कृपया सोचिये।
*आप का*
*नरेन्द्र मोदी*
Forwarded as received 🙏🙏
*प्रशासक समिति✊🚩*
(२८/०२)
✍️✍️✍️🔥🔥🔥✍️✍️✍️
*🔥डायरेक्ट एक्शन डे- भाग ०२ की तैयारी*
*👉🏻ओबैसी को देखते हैं तो 1986 वाला जावेद याद आ जाता है जिसने मैच की आखिरी बाल पर चेतन शर्मा की बाल पर छक्का मार कर मैच जिताया था। मियांदाद बेहद आराम से खेल रहा था। कहीं से लग ही नहीं रहा था कि वो मैच जिताने के लिए खेल रहा है। भारतीय टीम भी सोच रही थी कि कोई हर्ज नहीं खेलने दो इसको हर ओवर 1-2 रन लेकर, क्या उखाड़ लेगा? जैसे जैसे मैच बढ़ा मियांदाद ने गेयर बढ़ाया और अंत मे अंतिम गेंद पर छक्का जड़कर मैच जिता दिया।*
*🤷♂️ओबैसी भी मियांदाद की तरह बेहद धैर्यवान तरीक़े से खेल रहा है।*
*👉🏻बिहार इलेक्शन में अच्छी खासी सीट हासिल हुई। बंगाल में ममता बानो और बीजेपी इसकी लोकप्रियता से परेशान हैं।गुजरात में उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन इसकी पार्टी ने किया।दिल्ली, यूपी और राजस्थान में बेहद लोकप्रिय है ओबैसी।आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना तो है ही इसका गढ़।*
*👍इसकी सबसे बड़ी बात है ये मुसलमानों के पक्ष में खुलकर बोलता है, कोई लाग लपेट नहीं।सबका साथ सबका विकास जैसी सोच नहीं।मुसलमानों से विकास का कोई वादा नहीं और हिन्दू वोटों की लिप्सा नहीं।*
*👉🏻इसका सधा हुआ कदम और सोची समझी रणनीति इसे "जिन्ना" के समकक्ष खड़ा करती है।*
*😈इसका गज़वा ए हिन्द का एजेंडा कितना क्लीयर है इसका पता इसी से चलता है कि इसने आज तक अपने भाई के 15 मिनट में हिन्दू साफ वाले बयान पर कभी खेद व्यक्त नहीं किया बल्कि एक जहीन वकील की तरह उसे अभिव्यक्ति की आजादी का नाम दिया।*
*🤦🏻♂️इसके विपरीत हमारे हिन्दू राजनैतिक नेता, संगठन, संघ और मोदी सरकार जिस तरह हिन्दू वोटों पर मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही है वो भारत के मुस्लिम राष्ट्र होने पर मुहर लगाती है।*
*🔥भारत जिस द्रुत गति से गजवा ए हिन्द बनने की ओर अग्रसर है उस पर किसी को नज़र डालने की फुर्सत ही नहीं है।*
*💠हम कोरोना वैक्सीन बनाने में अपना सीना फुलाते हैं। इसरो और आईटी में अपनी उपलब्धि पर इतराते हैं। बैटरी चालित रेल और दोपहिया वाहन पर बेहद खुश होते हैं।*
*💠ब्रह्मोस के कई देशों से मिलते आर्डर पर फूले नहीं समाते हैं।मेडिकल और सॉफ्टवेयर में हमारा दबदबा है।हमारा दूर दूर तक।कोई मुकाबला नहीं है।*
*💠अरबों खरबों रुपये के निर्यात के आर्डर हमारे देश को मिल रहे हैं।रेलवे और बस स्टेशनों को फाइव स्टार होटल जैसी बनाने की तमन्ना है।*
*👉पर यकीन मानिये एक दिन हम हिंदुओं को ये सब छोड़कर भागना पड़ सकता है (कोई संशय मत रखिए)। एक दिन जिन्ना की तरह ओबैसी का "🔥डायरेक्ट एक्शन डे🔥" होगा और सबका साथ सबका विकास की मिसाइल हम हिंदुओं पर ही चल जायेगी।।*
🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️
"खेला शुरू"
"जब दीये की लौ जरूरत से ज्यादा फङफङाने लगे तो समझ जाओ कि दीये के बुझने का समय करीब आ रहा है"।
ये पुरानी कहावत 135 साल पुरानी खान्ग्रेस पर शत प्रतिशत लागू होती दिख रही है। हाँलाकि एक पुरानी कहावत ये भी है कि "घर को लग गयी आग घर के चिरागों से" अगर इस कहावत पर भी गौर किया जाये तो ये भी शत प्रतिशत खान्ग्रेस पर ही लागू होती दिख रही है। गाँधी परिवार ही खान्ग्रेस के सबसे बङे चिराग माने जाते रहे हैं। कमाल की बात भी ये है कि गाँधी परिवार के चिरागों जैसे ऐंटोनियो माइनो, राहुल और प्रियंका के कारण हो खान्ग्रेस अब इतिहास बनती साफ दिखाई दे रही है। खान्ग्रेस के भीतर एक भयानक गृहयुद्ध चल रहा है। जिस पीढ़ी ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 30-40 साल खान्ग्रेस को दिये हों, उनकी कोई सुन तक नहीं रहा जैसे गुलाम नबी, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा...... आदि। जिनकी सुनी जा रही है वो या तो खान्ग्रेस की कब्रें खोदने पर तुले हैं जैसे दिग्विजय सिंह, जादूगर अशोक गहलोत, कमलनाथ..... आदि या फिर ऐसे लोग पार्टी में अपनी जगह चाटुकारिता के दम पर बनाने में लगे हैं जिनका न तो कोई राजनैतिक कद है, न हैसियत और न ही राजनीति की समझ जैसे सुरजेवाला, सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेङा, राधिका खेङा..... आदि।
मोदीजी को समझने वाले कहते हैं कि अगर वो किसी की तरफ नज़र उठाकर देख भी लें तो उसके भी बहुत बङे राजनैतिक मायने होते हैं। चाहे राजनैतिक दुश्मनी करें या राजनैतिक मित्रता दोनों में ही वो फायदे में रहते हैं। जिन्होंने राजनैतिक शत्रुता की वो आज एकांत में पङे हैं जैसे शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा, आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अरूण शौरी, उमा भारती..... आदि। जिनकी तारीफ कर दें वही उनका मुरीद। P.M. बनने से पहले मोदीजी ने पहला पासा फेंका नटवर सिंह पर और विदेश नीति के गुर सीख लिये। बहुत कम लोगो को पता होगा कि जब मोदीजी ने पहली बार P.M. पद की शपथ ली और सभी पडोसी (सार्क) देशों के प्रमुखों को बुलाया। वो idea नटवर सिंहजी का ही था। P.M. बनने के बाद दूसरा पासा फैंका प्रणव दादा पर। किसने सोचा था कि घोर खान्ग्रेसी प्रणव दा संघ के कार्यालय में जायेंगे और उन्हें भाजपा सरकार भारत रत्न से नवाज़ेगी।
किसने सोचा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में होंगे मगर पिछले साल होली पर खान्ग्रेस हिल गयी थी। किसने सोचा था कि मात्र छह महीने में हम TMC में जबरदस्त जलजला देखेंगे। दीदी के लगभग सारे धुरंधर आज भाजपा में हैं। अप्रेल आते आते दीदी की स्कूटी कितनी जगह पंचर होगी ये विधाता नहीं बता सकते। 2019 में आखिरी संसद सत्र में मुलायम सिंह को उनकी सीट देकर न सिर्फ पार्टी में ही टूट करा दी बल्कि उन्हीं मुलायम सिंह से भरी संसद में अपनी तारीफ भी करा ली। आज अक्ल-less यादव को समझ नहीं आ रहा कि वो अपने पिता को कोसे या अपना सिर फोङे। न्यायपालिका के पाँच जजों ने जब सरकार के खिलाफ इतिहास में पहली बार बिगुल फूँका था, उसमें रंजन गोगोई भी थे। ये सभी जानते हैं कि रंजन गोगोई पूर्व खान्ग्रेसी C.M. तरूण गोगोई के सुपुत्र हैं। वे सरकारी वकील से सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तक कैसे पहुँचे, ये राजनीति का छात्र भी समझता और जानता है। उनके द्वारा श्री राम मंदिर के पक्ष में 5-0 से फैसला करने तथा राज्यसभा तक पहुँचने या पहुँचाने का सफर भी किसी से छुपा नहीं है।
जब मोदीजी ने राज्यसभा में गुलाम नबी आज़ाद को अश्रूपर्ण और प्रशंसा भरी विदाई दी थी तभी मेरे दिमाग ने किसी जलजले के संकेत दे दिए थे। जो अब सामने आ रहे हैं। जिस खान्ग्रेस ने कभी भाजपा को "भगवा आतंकवाद" का नाम दिया था, आज उसी खान्ग्रेस के हिन्दू विरोधी नेता भगवा पगङी पहनकर अपनी नुमाइश या फोटो सेशन करा रहे थे। G 23 ने जो "खेला" खेला है उसे देखकर, पता नहीं क्यूँ मेरा राजनैतिक Six sense कह रहा है कि कहीं गुलाम नबी आज़ाद कश्मीर में भाजपा की तरफ से भावी C.M. के प्रत्याशी तो होने नहीं जा रहे??
खान्ग्रेस की चतुराई ही अब खान्ग्रेस पर भारी पङती नज़र आ रही है। खान्ग्रेस ने बङी चतुराई से 10 साल तक देश को लूटा, मगर प्यादों के कंधे पर बंदूक रखकर। पहले ऐंटोनियो माइनो की चतुराई को समझिये।
(1) सोनिया ने P.M. पद ठुकराकर पहले तो स्वयं को त्याग की मूर्ति साबित किया ताकि वो खान्ग्रेसियों की नज़र में महान बनी रहें और देश की जनता के सामने हमेशा Victim card खेलती रहे।
(2) P.M. बनाया एक ऐसे इंसान को, जो राजनैतिक रूप से शून्य तथा गूँगा बहरा है ताकि उसे Remot control से चलाया जा सके। बंदा वी पी सिंह की तरह विद्रोह भी नहीं कर सकता।
(3) चमचों को बनवाया मंत्री और उनसे करवाये घोटाले जैसे सुरेश कलमाडी, कनीमोई, ए राजा ..... आदि से। 2G 3G के चक्कर में ये ही लोग जेल गये। गाँधी परिवार पूर्णतः सुरक्षित रहा। कोलगेट घोटाला जब सामने आया था (2007) तब कोल मंत्रालय पूर्णतः साफ सुथरे तथा गूँगे बहरे Mr Clean श्री मनमोहन सिंहजी के पास ही था। अतः अब आप समझ जाइये कि कोलगेट घोटाले में कौन शामिल रहा होगा व किसके इशारे पर हुआ होगा।
(4) मनमोहन सिंहजी ने 2-3 बार कहा भी था कि "राहुलजी आयें और जिम्मेदारी (P.M. पद या कोई भी मंत्रालय) संभालें मगर गाँधी परिवार में से कोई आगे नहीं आया। रणनीति बिल्कुल साफ थी कि घोटाले कर देश को लूटेंगे हम और बदनाम होंगे प्यादे। अगर भविष्य में हालात बदले तो जाँच व सजा उनको होगी जिन्होंने मंत्री या प्रधानमंत्री रहते घोटाले किये थे। "गाँधी परिवार" Mr Clean बना रहेगा।
(5) जब 2012 में खान्ग्रेस ने आन्तरिक तौर पर पूरे देश का सर्वे कराया तो गाँधी परिवार के दिमाग की घंटी बजी क्योंकि सर्वे में खान्ग्रेस साफ होती नज़र आ रही थी। तभी सोनिया ने मनमोहन की जगह दूसरा चेहरा ढूँढ़ना शुरू किया और यहीं से खान्ग्रेस में विद्रोह का पहला बीज फूटा। मन्नू अंकल के करीबी ए के बरूआ ने एक किताब लिखी जिसमें उन्होंने जमाई राजा के जमीन घोटाले का जिक्र किया। जो चेहरे जितने मासूम और भोले भाले दिखते हैं उनमें चतुराई का एक गुण हमेशा ज्यादा होता है। इसी गुण के कारण सोनिया को कदम पीछे खींचने पङे।
(6) सभी खानग्रेसियों को आशा थी कि मोदीजी एक बार के P.M. बनकर रह जायेंगे और खान्ग्रेस पुनः आ जायेगी, जैसा कि 65 सालों से होता आ रहा था मगर 2019 में मोदीजी और ज्यादा मजबूत होकर आ गये। आते ही ताबङ तोङ काम भी कर दिये जैसे धारा 370 तथा 35A हटाना, तीन तलाक खत्म, श्री राम मंदिर का रास्ता साफ, CAA के माध्यम से गजवा ऐ हिंद पर नकेल आदि। पप्पू और पिंकी का जोकरपना चालू रहा। यहीं से सारे पुराने चावल (खान्ग्रेसी) समझ गये कि इन जोकरों की ऊँगली थामकर चलते रहे तो खान्ग्रेस सत्ता में कभी नहीं आनी। वर्षों की मेहनत पर पलीता लगता देख तथा घोटालेबाजों के सिर पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार ने "G 23" को जन्म दे दिया।
अब जबकि सारी फाइलें सरकार के पास हैं, कार्यवाही की तलवार सिर पर लटक रही है तो "छिटक रहे हैं सभी बारी बारी"। G 23 के सारे गणमान्य सदस्यों पर ज़रा बारीकी से गौर कीजिये। कुछ साल पहले तक ये सारे गणमान्य गाँधी परिवार के खिलाफ एक शब्द नहीं सुन पाते थे। इन्हीं 23 सदस्यों में चरण चाटुकारिता की होङ लगी रहती थी। आज वही चरण चाटुकार गुपकार गैंग की तरह, अलग से "G 23" बनाकर व भगवा साफा बाँधकर खुद को हिंदू साबित करने पर तुले हैं। लाख टके का सवाल ये कि क्यों??? क्योंकि कर्म-कुंडली संभवतः तैयार हो चुकी है। परिवार विशेष ने हाथ खङे कर दिये हो